दवा से ज्यादा कारगर है शहद



दवा से ज्यादा कारगर है शहद 

एक ताजा अध्यन के मुताबिक गले की खराश अथवा दर्द के लिए बच्चो को दी जाने वाली खांसी  की  दवा से कही ज्यादा कारगर है शहद।  

भारत में सदियों से शहद का औषधीय उपयोग होता आया है. हमने बुजुर्गो से शहद के गुणकारी तत्वों के बारे में सुना और जाना है।  लेकिन अब तो शोधकर्ताओं ने भी इसकी उपगोगिता पर वैज्ञानिक मुहर लगा दी है।  एक ताजा अध्यन के मुताबिक, गले की  खराश अथवा दर्द के लिए बच्चो को दो जाने वाली खांसी के दवा  से कहीं ज्यादा कारगर है  शहद।  

दरअशल शहद में वे तत्व मौजूद है जो जीवाणुओं को मारते हैं।  साथ ही यह एक तरह के एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी काम करता हैं।  क्लीनिकल शोध में यह बात साबित हो चुकी है की शहद गले की कोशिकाओं के भीतर होने वाले नुकसान को रोकता है।  यानी शुद्ध शहद की दो बूंदे काफी है आपके बेहतर स्वास्थ के लिए।  वैज्ञानिको ने प्राकर्तिक शहद और खांसी की दवा में प्रयुक्त होने वाले डेक्सट्रोमेथोर्फेन नमक तत्व का तुलनातत्मक अध्ययन किया।  अमेरिका में बच्चो की खांसी के इलाज में प्रयुक्त होने वाली दवाओं में डेक्सट्रोमेथोर्फेन का प्रयोग काफी आम है।  जबकि ब्रिटैन में इसका प्रयोग ज्यादा नहीं होता है।  शोधकर्ताओं ने शोध के लिए १०५ ऐसे बच्चो को चुना जो रात के समय खांसी से परेशान हो जाते थे।  इन बच्चो को तीन अलग अलग समूहों में बाटा गया।  एक समूह को शहद का इंजेक्शन दिया गया।  दुसरे को दवा और तीसरे समूह को खाली  इंजेक्शन दिया गया।  नतीजों के मुताबिक, शहद का इंजेक्शन  लेने वाले बच्चो को डेक्सट्रोमेथोर्फेन का सेवन करने वाले बच्चो के मुकाबले खांसी में कही ज्यादा आराम मिला।  हालांकि खाली  इंजेक्शन  लेने वाले बच्चो की अपेक्षा दवा लेने वालो को थोड़ी राहत मिली। पेन्सिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी ने अपनी  रिपोर्ट में विस्तार से शहद के लाभकारी गुणों का बखान किया है।  

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